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सांसद और पूर्व मंत्री के बीच तीखी तकरार…

जिले में सांसद सुब्रत पाठक और पूर्व मंत्री सतीश पाल के साथ तीखी बातचीत का ऑडियो सामने आया है। मामले में सांसद ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पर अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है। वहीं, पूर्व मंत्री ने कहा कि मुझे पार्टी में सक्रियता दिखाने पर धमकाया है।
इत्रनगरी में चुनाव पूर्व रुझान दिखने लगे हैं। कभी सांसद सुब्रत पाठक की ओर से पार्टी से ही जुड़े कार्यकर्ताओं से गाली-गलौज से की ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है,तो कभी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री (बसपा सरकार) सतीश पाल के साथ तीखी बातचीत का ऑडियो सामने आ रहा है। एक ऑडियो को गलत साबित करने के लिए दूसरा ऑडियो आ रहा है।
हैलो, राम-राम के अभिवादन के साथ शुरू हुई बातचीत के बाद पार्टी की गतिविधियां पर चर्चा शुरू होती है। उसके ठीक बाद सुब्रत पाठक अपनी ही पार्टी के नेता सतीश पाल से यह कहते हुए सुने जा रहे हैं। ऐसा कोई काम करने से सिवाए नुकसान होना है, होना कुछ नहीं है।
सतीश पाल के सवाल पर वह कहते हैं कि जो होना कुछ नहीं है, जानते अच्छे से हो। यह सब फायदा नहीं है, इन सब चीजों से। हमने पहले भी समझाया था, लेकिन शायद तुम्हारी समझ में नहीं आई। आगे की बातचीत में सतीश पाल कहते हैं कि वह पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, क्या यह ठीक नहीं है।
अगर इसे धमकी समझ रहे हो, तो धमकी ही सही
इस पर सांसद कहते हैं काम करो, लेकिन तरीका से करो। जिस तरीके से कर रहे हो, वह गलत है। इससे भविष्य में नुकसान होगा। सांसद आगे कहते हैं कि हम सीधे नहीं हैं, हम हाथ धोकर पीछे पड़ जाते हैं। इस पर सतीश पाल कहते हैं कि आप तो धमकी दे रहे हैं, तो जवाब में सांसद कहते हैं कि अगर इसे धमकी समझ रहे हो, तो धमकी ही सही।
भाजपा में थे तो मदद किया, नहीं तो क्या किसी और की मदद करते
सतीश पाल कहते हैं कि मुझे एक बात बताओ किसी आदमी के जीवन का नाश कर दोगे आप। सांसद ने जवाब में कहा कि किसी का नाश नहीं किया। 2019 के चुनाव में मदद का हवाला देने पर सांसद कहते हैं कि भाजपा में थे तो मदद किया, नहीं तो क्या किसी और की मदद करते।
सांसद बोले- तुम सबसे टिकट मांगने की बात करते हो
आगे की बातचीत में सतीश पाल को 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी बने थे तो सांसद की ओर से 21 हजार रुपये की मदद की भी बात सामने आई। सांसद कहते हैं कि तुम सबसे टिकट मांगने की बात करते हो, तो जवाब में सतीश पाल कहते हैं कि पार्टी हमें टिकट दे, तो आप मदद करना।
सात मिनट 39 सेकेण्ड की ऑडियो वायरल
आपको टिकट मिलेगा तो हम मदद करेंगे। उसके आगे की बातचीत केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की जाति और प्रमाण पत्र तक पहुंच जाती है। सांसद कहते हैं कि एसी सिंह बघेल गड़रिया बिरादरी के हैं तो सतीश पाल इसे नकारते हुए दलित बिरारदी का बताते हैं। सात मिनट 39 सेकंड के ऑडियो क्लिप में कई और मुद्दों पर इसी तरह गर्मागर्म बहस होती है।
बोले- सरकार के मंत्री के लिए अपशब्द कहा है
इसी ऑडियो के वायरल होने के अगले दिन गुरुवार की दोपहर तक एक और ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें सांसद सुब्रत पाठक सतीश पाल से कह रहे हैं कि तुमने जो सरकार के मंत्री के लिए अपशब्द कहा है, उस पर लोग हमसे पूछ रहे हैं। इस पर सतीश पाल कहते हैं कि उन्होंने कोई अपशब्द नहीं कहा।
ऑडियो में भी दोनों के बीच खूब बहस हो रही है
आपके कहने पर सिर्फ उनकी जाति पर चर्चा की थी। इस ऑडियो में भी दोनों के बीच खूब बहस हो रही है। इसके ठीक एक सप्ताह पहले 15 फरवरी को पार्टी कार्यकर्ताओं की आपस में गाड़ी टकराने से हुए विवाद के बाद भी सांसद की ओर से एक कार्यकर्ता को फोन करने और उसमें गाली-गलौज की बात थी। वह ऑडियो भी तेजी से वायरल हुआ था।
सांसद ने फोन करके कार्यक्रम करने से रोकाभाजपा नेता सतीश पाल का आरोप है कि सांसद सुब्रत पाठक ने फोन किया और उन्हें अपना कार्यक्रम करने से रोका। मुझे सक्रियता दिखाने से रोकने को कहा। बोले, इससे कोई फायदा नहीं होने वाला। बाकी बातें वायरल ऑडियो में सुनी जा सकती हैं। -सतीश पाल, पूर्व मंत्री, भाजपा नेता
सतीश पाल हमारी पार्टी के नेता हैं, मेरे मित्र हैं। वह कई बार सरकार के मंत्री एसपी सिंह बघेल के लिए जातिसूचक टिप्पणी कर चुके हैं। उन्हें ऐसा न करने के लिए समझाने के लिए फोन किया था। किसी तरह की धमकी नहीं दी है। उनकी ओर से ऑडियो को वायरल किया जाना उनकी मानसिकता को दर्शाता है। -सुब्रत पाठक, सांसद

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