सपा विधायक पूजा पाल ने कहा कि उन्होंने सपा से बगावत नहीं की है, बल्कि अपने मताधिकार का प्रयोग अपनी अंतरात्मा की आवाज पर किया है। उनका यह वोट सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए हृदय से आभार था।
मंगलवार को राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव में भाजपा के आठवें उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर चायल की सपा विधायक पूजा पाल सियासी गलियारों में सुर्खियों में आ गई हैं। पूजा पाल ने अब सपा छोड़ भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए हैं। उनकी बातों में साफगोई भी है और सियासत भी। दूसरे खेमे में जाने के बाद भी वह कहती हैं कि उन्होंने सपा से बगावत नहीं की है। पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर भाजपा उम्मीदवार को वोट करने वाली पूजा पाल ने मंगलवार शाम अमर उजाला से अपनी भावनाएं साझा कीं।
वह कहती हैं कि वोट हर व्यक्ति का अधिकार होता है। उन्होंने पार्टी से बगावत नहीं की है। पार्टी से बागी होकर भाजपा उम्मीदवार को मतदान के सवाल पर वह कहती हैं कि इस वोट के जरिये मैंने अपने और अपने समाज की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद व्यक्त किया है। इस समय उनका आभार जताने का इससे बेहतर कोई दूसरा तरीका नहीं हो सकता था। वजह पूछने पर पूजा पाल भावुक हो गईं। वह कहती हैं कि विधायक पति राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या के बाद मैं 18 साल से आतंक के खिलाफ संघर्ष कर रही थी।
योगी ने अतीक के आतंक का किया अंत
पति को न्याय दिलाने के लिए परेशान होती रही। अंतत: योगी सरकार ने अतीक और अशरफ के आतंक का अंत कर दिया। शहर पश्चिमी मेरी सीट रही है। 2007 के बाद से मैंने अतीक-अशरफ को वहां वापसी नहीं करने दी। अब योगी राज में आतंक का पूरी तरफ सफाया होने पर उन्होंने यह निर्णय लिया।
वह अब भाजपा में कब शामिल होंगी, इस सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। कहा कि अभी तो आभार जताया है, बस देखते जाइए। पूजा पाल कौशाम्बी जिले की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। बसपा के पूर्व विधायक पति राजू पाल की हत्या के बाद वह राजनीति में आई थीं। राजू पाल की हत्या में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ नामजद हुए थे।
शादी के नौ दिन बाद हो गई थी राजू पाल की हत्या
बसपा विधायक राजू पाल के साथ पूजा पाल की शादी 16 जनवरी 2005 को हुई। शादी के नौ दिन बाद ही राजू पाल की सरेराह गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गईं। तब माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ और उसके गुर्गों ने बसपा विधायक राजू पाल को सरेआम गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। राजू पाल हत्याकांड में उनके दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की भी हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दो सिपाही भी हमले में शहीद हो गए थे। उधर, उमेश पाल की हत्या के बाद कुछ महीने बाद ही अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बसपा, सपा के बाद अब भाजपा का दामन थाम सकती हैं पूजा पाल
पूजा पाल पति की हत्या के बाद बसपा के टिकट पर शहर पश्चिम सीट से विधायक चुनी गईं। मौजूदा समय सपा में हैं और कौशाम्बी की चायल सीट से विधायक हैं। चर्चा है कि जल्द ही वह भाजपा का दामन थाम सकती हैं।
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