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आजमगढ़ से निरहुआ को फिर मौका, चुनाव हारने वाली नीलम भी यहां से लड़ेंगी

वाराणसी से पीएम मोदी एक बार फिर चुनाव मैदान में होंगे। आजमगढ़ से निरहुआ को फिर से मौका मिला है। चंदौली से महेंद्रनाथ और सलेमपुर से रविंद्र कुशवाहा तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने तीन मंडल की 13 में से छह सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है।
भाजपा ने आजमगढ़, वाराणसी और मिर्जापुर मंडल की 13 (देवरिया की सलेमपुर लोकसभा सीट आंशिक के साथ) में से छह लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चंदौली से केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय और सलेमपुर से डॉ रविंद्र कुशवाहा तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं।
आजादी के बाद पीएम मोदी के सामने उस रिकॉर्ड की बराबरी का भी मौका होगा, जब काशी से लगातार तीसरी बार सांसद हो सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस के रघुनाथ सिंह और भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल लगातार तीन बार सांसद बने थे। पीएम मोदी ने 2019 का चुनाव रिकॉर्ड अंतर से जीता था।
उन्हें 63.6% वोट मिले थे। सपा-बसपा गठबंधन की प्रत्याशी रहीं शालिनी यादव को 18.4% तो कांग्रेस के अजय राय को 14.38% वोट ही मिल सके थे। इसी तरह आजमगढ़ लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतने वाले दिनेशलाल यादव निरहुआ पर पार्टी ने फिर भरोसा जताया है। निरहुआ ने उपचुनाव में मुलायम परिवार के धर्मेंद्र यादव को हराया था।
इसका इनाम पार्टी ने फिर दिया है। आजमगढ़ की लालगंज सुरक्षित सीट से पिछला चुनाव हारने वाली नीलम सोनकर को फिर प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि नीलम ने 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर ही जीता था।जौनपुर से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह प्रत्याशी बनाए गए हैं।
कृपाशंकर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। वह महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय थे। अब जौनपुर से किस्मत आजमाएंगे। देवरिया की सलेमपुर लोकसभा सीट से सांसद रविंद्र कुशवाहा फिर प्रत्याशी बनाया गया है। वह भी तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से ही बलिया के तीन विधानसभा क्षेत्र (बांसडीह, सिकंदरपुर और बेल्थरा रोड) जुड़े हैं।
वाराणसी से माफियाओं ने आजमाई किस्मत, जनता ने नकारा
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से जरायम जगत के पूर्वांचल और प्रयागराज के कुख्यात नाम भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। हालांकि, काशी के प्रबुद्ध मतदाताओं ने अपने मताधिकार का दम दिखाते हुए माफियाओं को सिरे से खारिज कर दिया और उन्हें उनके ठिकाने की ओर लौटा दिया।
बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना मुख्तार अंसारी वर्ष 2009 में बसपा के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी डॉ. मुरली मनोहर जोशी थे। मुख्तार अंसारी के पक्ष में माहौल खूब बनाया गया था, लेकिन जब चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो वह दूसरे नंबर पर था।
डॉ. जोशी ने मुख्तार अंसारी को 17211 वोटों से चुनाव हराया था। अप्रैल 2023 में न्यायिक अभिरक्षा में बदमाशों के हाथ मारे गए अतीक अहमद ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से निर्दल प्रत्याशी के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई थी।
चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो वह 18वें स्थान पर था। उसे महज 855 मत मिले थे। मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के अलावा किसी अन्य माफिया या बाहुबली ने वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपनी किस्मत नहीं आजमाई।

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