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वायरल वीडियो है सही… निरहुआ ने स्वीकार किया सच

बोले- कांग्रेस का असली चेहरा सामने लाना चाहता था

भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव ने कहा कि फेक वीडियो मैंने इसलिए बताया कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले पूरे बयान का वीडियो डालें और सबलोग सच्चाई को जानें।
आजमगढ़ में भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ गाजीपुर में दिए अपने एक बयान को लेकर काफी चर्चाओं में आ गए हैं। पहले तो उन्होंने ट्विट कर वीडियो को फेक बताया, लेकिन मंगलवार को जब वह दीवानी में पहुंचे तो मीडिया के सामने स्वीकार किया कि वायरल बयान इनका है। फेक वीडियो मैंने इसलिए बताया कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले पूरे बयान का वीडियो डालें और सबलोग सच्चाई को जानें।
बताते चलें कि सांसद दिनेश लाल यादव ने एक चैनल को दिए बयान में बेरोजगारी को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसमें वह कह रहे थे कि जब आप बेरोजगार हैं तो फिर आठ बच्चे क्यों पैदा कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चे पैदा नहीं किए। उनके इस बयान को लेकर काफी हंगामा मच गया था।
सपा ने इसे लेकर चुनाव आयोग और भाजपा से कार्रवाई की मांग कर दी। इसी बीच निरहुआ ने इस वीडियो को फेक बता दिया था। तब वीडियो बनाने वाले ने इनके पूरे बयान वाले वीडियो को वायरल कर दिया।
मंगलवार को जब सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ दीवानी न्यायालय परिसर पहुंचे तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया और वीडियो के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने कहा कि यह ट्विट हमने इसलिए किया था कि इन लोगों ने जो वीडियो एडिट करके डाला था वह उसे पूरा डालें।
तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों ने पूरा वीडियो डाल दिया। जिससे पूरा देश जान गया कि यह वीडियो किस संबंध में दिया गया था। कांग्रेस हमेशा से तुष्टीकरण की राजनीति करती है। उसके द्वारा मेरे 10 मिनट के बयान को एडिट कर वायरल किया गया। यह वीडियो मेरा ही है मैं कह रहा हूं कि यह मैंने बोला था। पूरा वीडियो 10 मिनट का है। जब मैंने फेक वीडियो का ट्विट किया तो इन्होंने पूरा वीडियो डाल दिया।
यह दोनों ही तरह से अपराध
भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ द्वारा दिए गए बयान को लेकर आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने उनके खिलाफ आवाज को बुलंद किया है। उन्होंने कहा है कि अगर वीडियो फर्जी है तो यह अपने आप में गंभीर आपराधिक कृत्य है।
अगर यह वीडियो फेक नहीं है तो एक सही इंटरव्यू को फर्जी बताकर धमकी दी गई है। साथ ही लोगों को डराने और धमकाने का प्रयास किया गया है। दोनों स्थितियों में इंटरनेट का प्रयोग हुआ है जो साइबर अपराध है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।

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