इराक में फंसे आजमगढ़ के मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर पीएम से भारत वापसी कराने की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि एजेंटों द्वारा धोखे से उनको किसी और कंपनी में काम के लिए भेजा, लेकिन वहां जाने पर कंपनी बदल गई। रहने खाने की भी व्यवस्था नहीं है।
इराक देश के बसरा में फंसे भारतीय मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर खुद के वहां फंसे होने की बात कही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से देश वापस बुलाने के साथ ही वहां धोखे से भेजने वाले एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया पर वीडियो को देख मजदूरों के परिजन चिंतित हो गए हैं।
यह है मामला
सगड़ी तहसील के रौनापार निवासी राकेश गुप्ता, धर्मेंद्र, बबलू गुप्ता, प्रदीप कुमार, बनकट निवासी धीरज व नागेंद्र समेत आसपास के और मजदूरों को रौनापार निवासी शोएब मोहम्मद और अनिल यादव ने हुंडई कंपनी का वीजा देकर चार माह पूर्व बसरा इराक भेजा था। उस समय वहां हुंडई कंपनी में काम करने का करार हुआ था।
मजदूरों ने लगाया ये आरोप
मजदूरों का आरोप है कि वहां हुंडई कंपनी में काम न देकर चाइना की सिनोमैच कंपनी में जबरदस्ती लोगों को काम पर लगा दिया गया। जिस ट्रेड में हम लोगों को भेजा गया था उस ट्रेड में काम नहीं मिला। भेजते समय एजेंट ने बताया था कि 40 से 45 हजार रुपये प्रति माह पगार मिलेगी, लेकिन चाइना कंपनी में 18 से 20 हजार ही तनख्वाह मिल रही है। भोजन की व्यवस्था के साथ ही रहने का कमरा भी नहीं मिला है। छोटे से एक कमरे में 10 से 12 लोगों को एक साथ रखा गया है। चार माह बीत जाने के बाद भी तनख्वाह नहीं मिली है।
देश वापस जाने की बात पर कंपनी मालिक वीजा और पासपोर्ट जब्त कर लेने की धमकी दे रहा है। मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर प्रधानमंत्री से भारत वापस बुलाने की गुहार लगाई है। साथ ही दोषी एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
Back to top button