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बिजली विभाग में बड़ा एक्शन, भ्रष्टाचार में नपे नौ बिजली अभियंता

घटिया सामग्री का किया था प्रयोग

यूपी में भष्ट्राचार के मामले में बिजली विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। पावर कार्पोरेशन अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने दो मुख्य अभियंता सहित आठ अभियंताओं को निलंबित कर दिया है।

पावर कार्पोरेशन अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने दो मुख्य अभियंता सहित आठ अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। इसमें अलीगढ़ क्षेत्र में कार्यदायी संस्था द्वारा घटिया सामग्री उपलब्ध कराने के मामले में मुख्य अभियंता से लेकर सहायक अभियंता तक की मिलीभगत सामने आई है। इस आरोप में मुख्य अभियंता राघवेंद्र, मु्ख्य अभियंता सुबोध कुमार शर्मा, सहायक अभियंता शतुघ्न चौहान, अधीक्षण अभियंता अजय कुमार, अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार मौर्य, अवर अभिंयता मनोज कुमार, सहायक अभियंता सचिन कुमार को निलंबित किया है। 

इसी तरह अधीक्षण अभियंता वेद प्रकाश कौशल को रिश्वतखोरी के आरोप लगने पर निलंबित किया गया है।अलीगढ़ क्षेत्र में चल रहे विभागीय कार्य में सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कार्यदायी संस्था श्री गणेश इंटरप्राइजेज को वर्ष 2022-23 में निविदा दी गई थी। विभागीय जांच में पता चला कि कार्यदायी संस्था ने मानक के अनुसार सामग्री उपलब्ध नहीं कराई। सामग्री घटिया मिली। दस्तावेजों में भी घेरफेर पाया गया। अभियंताओं की भी मिलीभगत सामने आई। इस पर उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन की ओर से जांच समिति गठित की गई। जांच समिति ने पाया कि मुख्य अभियंता राघवेंद्र तब अलीगढ़ विद्युत वितरण द्वितीय में अधीक्षण अभियंता थे। उन्होंने तत्कालीन अधिशासी अभियंता के विरुद्ध उचित दस्तावेजों के बिना पोर्टल पर अपलोड करने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में मुख्य अभियंता राघवेंद्र को निलंबित कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

सामग्री लगाए जाने से पहले भौतिक जांच नहीं 

 इसी तरह मुख्य अभियंता (वितरण) सुबोध कुमार शर्मा पर आरोप है कि उन्हें पूरे प्रकरण की जानकारी मार्च में हो गई थी। इसके बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में सुबोध कुमार शर्मा को निलंबित कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से संबद्ध किया गया है। सहायक अभियंता शत्रुघ्न चौहान उस वक्त उपखंड अधिकारी गंगोरी कौडि़यागंज थे। आरोप है कि सामग्री लगाए जाने से पहले भौतिक जांच नहीं की। इन्हें निलंबित करके दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बांदा कार्यालय से संबद्ध किया गया है। अधीक्षण अभियंता अजय कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अनुबंध के अनुसार कार्यवाही नहीं की। 

इन पर हुई कार्रवाई 

इन्हें निलंबित कर मध्यांचल के देवीपाटन क्षेत्र के मुख्य अभियंता (वितरण) कार्यालय से संबद्ध किया गया है। इसी तरह अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार मौर्य को कार्यदासी संस्था से संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर पूर्वांचल के मिर्जापुर क्षेत्र स्थित मुख्य अभियंता (वितरण) कार्यालय से संबद्ध किया गया है। अवर अभियंता मनोज कुमार ने बिना उचित दस्तावेजों के कौड़ियागंज साइट पर सामग्री लगाई और भौतिक जांच नहीं की। उन्हें निलंबित कर पूर्वांचल के आजमगढ़ स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

गुणवत्ता की जांच नहीं 

 उपखंड अधिकारी व सहायक अभियंता सचिन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने विजयगढ़ साइट पर सामग्री लगाने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच नहीं की। उन्हें निलंबित कर पूर्वांचल के वाराणसी क्षेत्र प्रथम से संबंद्ध किया गया है। कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। इसी तरह अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल मेरठ में कार्यरत वेद प्रकाश कौशल और अधिशासी अभियंता संगम लाल यादव को भी निलंबित कर दिया गया है। संगम लाल ने आरोप लगाया था कि अधीक्षण अभियंता ने उपकेंद्रों की मरम्मत व पार्क सौंदर्यीकरण में 41 करोड़ के टेंडर जारी करने पर ठेकेदार से छह प्रतिशत कमीशन लिया। जबकि संगम लाल ने नियुक्ति के लिए अफसरों को रुपये देने का आरोप लगाया है। वेद प्रकाश को निलंबित कर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक कार्यालय और संगम लाल को मुरादाबाद मुख्य अभियंता मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। इन दोनों के खिलाफ जांच के लिए अलग से कमेटी बनाई गई है।

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