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पिछड़े वर्ग की उम्मीदों पर खरा उतरने का होगा प्रयास-राजेश वर्मा

सदस्यों को जिलेवार सौंपी जाएगी जिम्मेदारी

नवनियुक्त अध्यक्ष ने कहा आयोग के कार्यों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सदस्यों को जिलेवार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे प्रमाणपत्र प्राप्त करने में किसी भी जिले में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

पिछड़े वर्ग की समस्याओं का समाधान और उनके समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश वर्मा ने मंगलवार को इंदिरा भवन में आयोग की मासिक बैठक की। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा में आयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शिकायतों और आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाएगा। आयोग के कार्यों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सदस्यों को जिलेवार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे प्रमाणपत्र प्राप्त करने में किसी भी जिले में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। आयोग का उद्देश्य सिर्फ शिकायतों का समाधान करना नहीं है, बल्कि पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाना भी है। आयोग समय-समय पर पिछड़े वर्गों की सूची का पुनरीक्षण करेगा, जिससे नए वर्गों को सम्मिलित किया जा सके और जो वर्ग अब पिछड़े नहीं रहे उन्हें सूची से हटाया जा सके।

महत्वपूर्ण निर्णय: आयोग की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हिन्दू दर्जी सक्सेना और मुस्लिम दर्जी इदरीसी को अलग-अलग क्रमांक पर दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने स्पष्ट किया कि उपजाति या उपनाम जोड़ने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, इसलिए प्रतिवेदनकर्ता के अनुरोध को सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया। लोनिया जाति को क्षत्रिय के रूप में दर्ज करने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से निरस्त कर दिया गया।

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