पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ आजमगढ़ पहुंचे और आजमगढ़ी मिजाज में जय हो आजमगढ़ गाया। निरहुआ को देखकर जानता उत्साहित दिखी लोग सेल्फी खिंचवाते हुए नजर आए। निरहुआ ने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और विरोधी खेमें पर जमकर निशाना साधा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए निरहुआ ने कहा मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं अखिलेश।
आजमगढ़ पहुंचे दिनेश लाल यादव निरहुआ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा । निरहुआ ने कहा कि मुझे आजमगढ़ महोत्सव का निमंत्रण नहीं मिला फिर भी शामिल होने आया हूं। कहा अखिलेश यादव मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं, इसलिए सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं। दिनेश लाल यादव निरहुआ हरिऔध कला केंद्र में आयोजित आजमगढ़ महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए पहुंचे थे।
आजमगढ़ महोत्सव को लेकर सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि उनको भी कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला था लेकिन आजमगढ़ की बात है। आजमगढ़ में अच्छा कार्य हो रहा है तो वह उसमें शामिल होने से नहीं हिचकेंगे। कहा इसके पूर्व जो डीएम थे उन्होंने पहले जानकारी दी थी कि ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उनको निमंत्रण नहीं मिल पाया था।
वह भी जौनपुर में अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे। कल ही शूटिंग खत्म हुई है। इसलिए वह आज यहां आ गए हैं। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। इसका वह स्वागत करते हैं। उन्होंने रेलवे लाइन को लेकर धर्मेंद्र यादव के उन पर झूठी बयान बाजी के आरोप पर कहा कि यह सच नहीं है रेलवे लाइन को लेकर जैसे ही बजट आएगा सभी को जानकारी हो जाएगी।
धर्मेंद्र यादव ने संसद में यह सवाल पूछा था जिसका रेल मंत्री ने जवाब भी दिया था। इसलिए यह कार्य होना है। वहीं चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का चुनाव था पार्टी का आदेश था इसलिए उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन उनके पास इतना समय नहीं है कि वह विधानसभा का चुनाव लड़ें। वह फिल्म की शूटिंग में ही व्यस्त रहते हैं। प्रत्येक महीने एक फिल्म आ रही है। इसलिए वह विधानसभा के चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
इसके अलावा निरहुआ ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मठाधीश व माफिया को लेकर चल रहे बयान बाजी पर कहा कि सबका अपना-अपना नजरिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की छवि को सुधारा है जबकि अखिलेश यादव मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। इसलिए वह हिंदू और सनातन का विरोध करते हैं।
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