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आज़मगढ़ में किसानों के सहमति के बैगर नही बनेगा एयरपोर्ट

 

आजमगढ। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए चल रहे आन्दोलन में भाग लेने के लिए आजमगढ़ पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ किया कि किसान अगर अपनी भूमि को नहीं देना चाहता तो यहां एयपोर्ट की कोई जरूरत नहीं है। उन्होने कहा कि यहां के किसानों की स्थानीय कमेटी जो तय करेगी वह उसके साथ है। उन्होने कहा कि सरकार विकास की बात कह रही है लेकिन विकास तो जिसका होगा होगा लेकिन ये लोग बर्बाद होगें। टिकैत ने जहां किसानों को सावधान किया वहीं कहा कि किसानों को नंदीग्राम की तरह आन्दोलन करना होगा।

आजमगढ़ जिले के मंदुरी में स्थित हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के विरोध में जमुआ हरिराम में पिछले 28 दिनों से किसान आन्दोलन कर रहे है। 28वें दिन किसान नेता राकेश टिकैत भी धरने में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह खुलकर किसानों के साथ है। किसान अगर अपनी भूमि नहीं देना चाहता तो यहां एयरपोर्ट नहीं बनेगा। किसी भी किसान से जबरदस्ती भूमि नहीं ली जायेगी । सरकार हवाई पट्टी से काम चलाएं। उन्होने कहा यहां सत्ता पक्ष विकास की बात कह रहे है। तो वे विकास कहीं दूसरे स्थान पर करा ला। किसानों की जमिन चली जायेगी तो इनका क्या होगा। ये लोग पीढ़ी दर पीढी यहां रहते चले आ रहे है। उन्होने किसानों को सावधान करते हुए कहा कि किसान बचकर रहे। सरकार सबसे पहले बंजर भूमि, सरकारी कर्मचारी, ग्राम प्रधान आदि की भूमि को लेकर महौल बनाएगे और माहौल खराब करने की बात जरूर करेगें। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून को इन्होने माडल एक्ट बना दिया है। माडल एक्ट में पूरा पावर डीएम के पास होगा। ये उसी का इस्तेमाल यहां कर रहे है। उन्होने कहा कि अगर किसान भूमि नहीं देना चाहते तो हम पूर्णरूप से किसानों के साथ है। राकेश टिकैत ने कहा कि यहां के किसानों को कोलकता के नंदीग्राम की तरह आन्दोलन करना पडेगा। उन्होने कहा कि जहां-जहां भी ऐसी हवाई पट्टी है वहां-वहां वे ये किसानों की भूमि को छिनने का काम कर रहे है।

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