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लखनऊ बनेगा प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक केन्द्र

आने वाले समय में लखनऊ क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक गढ़ बनने जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन्नाव, कानपुर से लेकर लखनऊ से लगे जिलों को मिलेगा। बुधवार को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बैठक में लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण का मास्टरप्लान-2041 बनाने की फाइनल रूपरेखा बन गई। यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी के निर्देशन में स्कूल ऑफ़ प्लांनिंग एंड आर्किट्रेक्टर (एसपीए ) के माध्यम से यह प्लान तैयार किया जा रहा है।
लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण का उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा ) में विलय हो चुका है। कामकाज में तेजी लाने के लिए मास्टरप्लान-2041 तैयार किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान के सम्बन्ध में लखनऊ के आस-पास के आवासीय,व्यवसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। साथ ही उन्नाव में औद्योगिक विकास के साथ-साथ संस्थागत विकास के लिए भी मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत लखनऊ-कानपुर के मध्य के क्षेत्रों को सुनियोजित करने की योजना बनाई जा रही है।
संस्थागत विकास के लिए भी मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत लखनऊ-कानपुर के मध्य के क्षेत्रों को सुनियोजित करने की योजना बनाई जा रही है।
इस संबंध में यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने बताया कि मास्टरप्लान पूरी तरह जीपीएस आधारित होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से गंगा एक्सप्रेस वे और कानपुर-लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे निकल रहे हैं। आउटर रिंग रोड मौजूद है। इन तीन जिलों के बीच एयरपोर्ट है। इसे देखते हुए इनके चारों तरफ नए इंडस्ट्रियल कारीडोर विकसित किए जाएंगे।सीईओ मयूर महेश्वरी ने इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और यूपीसीडा के एसीईओ शशांक त्रिपाठी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्नाव शुक्लागंज विकास प्राधिकरण के समन्वय से काम्प्रेहेंसिव मास्टर प्लान और मोबिलिटी प्लान बनाया जा ररहा है। इस बेल्ट में वेयरहाउसिंग और कारगो से जुड़ी इकाइयों के लिए सभी सुविधाओं से लैस उद्योगों के लिए स्पेशल जोन रहेगा।
लखनऊ और उन्नाव के 84 गांवों की बदलेगी किस्मत
लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन 2005 में किया गया था। इसमें अधिसूचित लखनऊ के 45 और उन्नाव के 39 कुल 84 ग्रामों की विकास यात्रा में प्राधिकरण कभी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाया। शायद यही कारण रहा कि वर्ष 2021 में इसका यूपीसीडा में विलय कर दिया गया। लखनऊ में इसका क्षेत्र एयरपोर्ट के पीछे के गांव बिजनौर, नटकुर, कुरौनी जैतिखेड़ा से शुरू होकर लखनऊ कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ साथ चलकर उन्नाव के आजाद चौराहा तक 299 वर्ग किलोमीटर तक है।
लखनऊ के पास के गांव में आवासीय एवं व्यावसायिक सुविधाओं के युक्त टाउनशिप परियोजनाएँ बड़ी संख्या में आ रही हैं। आईटीबीपी, आपदा प्रबन्धन और फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट के कैंपस इस क्षेत्र में आने के कारण इंफ्ट्रास्ट्रक्चर सुविधाओं का तेज़ी से विकास हो रहा है। एयरपोर्ट से नज़दीकी भी एक प्रमुख यूएसपी है। इस क्षेत्र में वेयरहाउसिंग के प्रोजेक्ट्स तेज़ी से आ रहे हैं जो पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार तक की सप्लाई चेन व्यवस्था का अहम हिस्सा बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स पालिसी के अन्तर्गत बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।
21 से ज्यादा परियोजनाएं इसी बेल्ट में आ रहीं
नए सिरे से लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण का मास्टर प्लान-2041 तैयार किया जा रहा है। इस प्लान के जरिए लखनऊ, उन्नाव और कानपुर के बीच औद्योगिक बेल्ट का कायाकल्प किया जाएगा। दो एक्सप्रेस वे, रिंग रोड और एयरपोर्ट को देखते हुए विशेष औद्योगिक क्षेत्र बसाए जाएंगे।

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