आजमगढ़ मंडलीय चिकित्सालय मे अवैध धन उगाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मरीजो से अबैध धन लूटने में आजमगढ़ सदर के डॉक्टर व उनके चहेते कहि से कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। सरकार लाख प्रयास कर ले लेकिन आजमगढ़ के डॉक्टर व स्टॉप सरकार को बदनाम करने पर तुली हुई है। सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों को नही है योगी आदित्यनाथ का डर और ना ही बुलडोजर का भय सता रहा है। आजमगढ़ मंडलीय चिकित्सालय अपने कारनामें को लेकर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। आजमगढ़ सदर अस्पताल जहां एक तरफ डॉक्टर तो दूसरी तरफ दलालों का अड्डा बना हुआ है। यह दलाल डॉक्टर के शह पर मरीजों से मनचाहा पैसा ऐंठ ले रहे हैं। कुछ इसी तरीके का मामला फिर आजमगढ़ सदर अस्पताल का सामने निकल कर आया है। जो एक वीडियो शोसल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा हैं। लेकिन अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। आंख का ऑपरेशन कराने गए गरीब बेबस लाचार मरीज से डॉक्टर जेपी श्रीवास्तव का एक असिस्टेंट ऑपरेशन के नाम पर लगभग ₹10000 की मांग करता है। वही मरीज ने अपनी मजबूरी बताते हुवे कहा कि हम लोग बहुत गरीब परिवार से हैं साहब, इस पर डॉक्टर का असिस्टेंट मरीज से ऑपरेशन के नाम पर ₹3500 रुपये ऐंठ ही लिया है। जिसका वीडियो भी बहुत तेजी से वायरल भी हो रहा है। इस घटना की सच्चाई जानने के लिए जब मीडिया कर्मी आजमगढ़ S.I.C अमोद कुमार से मिले तो वह मीडिया कर्मियों को भी गोल-गोल घूमते नजर आए और जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन तो दे दिया लेकिन सोचने की बात तो यह है कि यह आजमगढ़ सदर अस्पताल का पहला मामला नही है साहब, हमेशा चर्चा की सुर्खियों में भी बना रहता है। अगर उच्च अधिकारी कोई ठोस कदम उठाते तो रुक जाता लेकिन कार्यवाही ना करने से साफ झलकता नजर आ रहा है। कि दलालों से उच्च अधिकारियों का गहरा संबंध देखने को मिल रहा है। जनता उम्मीद लगाकर बैठी हुई है कि इतना बड़ा प्रूफ मिलने के बाद भी उच्च अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही होती हैं। या फिर मामले को एक मोटी रकम लेकर गोल माल कर लिया जाता है। जब मीडिया कर्मी पहुंचे आजमगढ़ सदर अस्पताल में तो डॉक्टऱ की बात सुन हैरान रह गए लोग।