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निकाय चुनाव में 95 लाख मतदाता,4.30 करोड़ मतदाता बनाएंगे शहरों की सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस बार नगरीय निकायों में करीब 95 लाख मतदाता और बढ़ गए हैं. वर्ष 2017 में 3.35 करोड़ मतदाता थे, जबकि इस वर्ष 4.30 करोड़ मतदाता शहरों की सरकार चुनेंगे. प्रदेश में नगरीय निकाय भी वर्ष 2017 की तुलना में 111 नए बन गए हैं. कई नगरीय निकायों का सीमा विस्तार भी प्रदेश सरकार ने पांच वर्षों में किया है.

उत्तर प्रदेश के ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी के पहले हफ्ते में खत्म हो रहा है जबकि कुछ का कार्यकाल 15 जनवरी तक समाप्त होना है. राज्य निर्वाचन आयोग कार्यकाल पूरा होने से पहले नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है. शुक्रवार को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ. हालांकि रात 12 बजे तक डाटा फीडिंग का काम जारी रहने के कारण सही आंकड़े शनिवार को आने की उम्मीद है. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाता बनने का काम एक बार फिर शुरू हो जाएगा. जितने भी नाम नए जुड़ेंगे, इन्हें अनुपूरक मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा. वर्ष 2017 में 652 नगरीय निकायों में चुनाव हुआ था जबकि इस बार 763 नगरीय निकायों के चुनाव होंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग को फिलहाल प्रदेश सरकार से वार्ड आरक्षण के बाद नगरीय निकायों की सूची मिलने का इंतजार है. इसके बाद ही आयोग अधिसूचना जारी करेगा. इस बार अधिसूचना दिसंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में जारी होने की उम्मीद है. आयोग ने पिछली बार 36 दिनों में चुनाव कराए थे, इस बार और भी कम दिनों में चुनाव कराने की तैयारी चल रही है. प्रदेश सरकार को नगरीय निकायों से मिले वार्ड आरक्षण के प्रस्तावों में कई तरह की त्रुटियां मिली हैं. कई निकायों ने मानकों का पालन किए बगैर ही प्रस्ताव भेज दिया है. कुछ निकायों ने जनसंख्या के आंकड़ों में ही खेल कर दिया है. इसके चलते आरक्षित सीटों में अंतर आ रहा है. शासन अब ऐसे नगरीय निकायों के अधिकारियों को बुलाकर उनके प्रस्तावों को ठीक करा रहा है.

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